Thursday 30 August, 2007

भविष्य का कम्प्यूटर

पता नहीं सच है या मिथया पर कल ऐसा हो सकता है।





Tuesday 28 August, 2007

राखी पर यह संदेश आज के संदर्भ में

आतंकवाद बन्द करो
स्रोत हिन्दुस्तान टाईम्स

Friday 24 August, 2007

यूँ खड़ा इंडिया गेट


यूँ खड़ा यह कब तक देखेगा दुनिया की करतूत

नेताओ का कर्तव्य का विश्वासघात,
जनता की निषिद्ध अधिकारों की मांग,


वो दिन न आएगा जब जनता करेगी अपने कर्तव्य पूरे और नेता समझेंगे जनता के अधिकार।

Registration, Claim and Instaupdate Proccess at Chitthajagat.in Steps with Screenshots

पंजीकरण विधि अधिकृत करें प्रक्रिया Step by Step

मुख्य पृष्ठ पर सीधे हाथ पर देखें


पंजीकरण/कूटशब्द खो गया है? इसे चटकाएँ
पता है http://www.chitthajagat.in/panjikaran.php

डाक पता भरें, अगर आप अपना कूटशब्द (पासवर्ड) भूल गये हैं तो अपने उसी ई-डाक पते से दुबारा पंजीकरण करने की कोशिश करें, आप को कूटशब्द याद दिला दिया जायेगा।
डाक से प्राप्त पंजीकरण सप्रमाणता चटकाएँ

डाक से प्राप्त कूटशब्द (पासवर्ड) और ई डाक पते के साथ सत्रांभ (लॉगइन) करें
मेरा खाता चटकाएँ,


"मैं" में अपने बारे में लिखें और कूटशब्द बदलें,



"मेरी तस्वीर" में तस्वीर चढ़ाएँ, चिट्ठे के साथ तस्वीर तभी दिखेगी जब आप चिट्ठा अधिकृत (claim) कर लेंगे।

"मेरे चिट्ठे" में अपने चिट्ठे भरें और अधिकृत (claim) करें

चिट्ठा
अधिकृत करें प्रक्रिया


अनाधिकृत चिट्ठे सूची देखें
"अधिकृत करें" कोड़ दिखेगा


"अधिकृत करें" कोड़


यह कड़ी अपनी अगली नई प्रविष्ठि में लेख के शुरू में (html में) डाल दें

दिखेगा
कोड डालने के ३-१२ घण्टे तक इंतजार करें

अधिकृत प्रक्रिया स्वचालित है, जैसे ही आपका चिट्ठा अद्यतनीकृत होगा
हमारा तंत्र उसे अधिकृत चिट्ठा सूची में डाल देगा।

दो सेकण्ड में लेख चिट्ठाजगत पर छापें

यह सुवीधा उन के लिए जो पंजीकृत हैं, और चिट्ठा अधिकृत कर चुके हैं।
कूटशब्द (पासवर्ड) और डाक पते के साथ सत्रांभ (लॉगइन) करें


login करते ही "सारे अधिकृत चिट्ठे अभी अद्यतन करें" बटन ऊपर सीधे कोने में देखें। उसे click करते ही आपका पोस्ट immediately चिट्ठाजगत पर आ जाएगा।



कोई बात हो लिखें chitthajagat [AT] chitthajagat [dot] in

Wednesday 22 August, 2007

क्रिकेट की नई कॉरपरेट तस्वीर, अब आएगा मज़ा

आई सी एल, अब लाएगा क्रिकेट में घमासान। आज कपिल देव, संदीप पाटिल, मोरे, कल और भी होंगे। भईया कृषि मंत्री से बी सी सी आई चलेगी तो यही होगा।


स्रोत हिन्दुस्तान टाईम्स

Monday 20 August, 2007

दिल्ली की बारिश

दिल्ली की बारिश मानो लौटरी, दिल्ली तक आते-आते बादलों का हाथ तंग हो जाता है, सो सोच समझ बरसते हैं। खैर दिल्ली में हर काम में सोचा जयादा जाता है, किया कम जाता है। चाहे वो नेता हों या जनता। बादलो को यह भाषा दिल्ली में घुसते ही समझ आ जाती है। मगर कुछ भी हो बच्चों का तो दिन बन गया। स्रोत हिन्दुस्तान टाईम्स

Friday 17 August, 2007

बज़ार में गिरावट मौका है खरीदारी का


यह गिरावट एक अच्छा मौका है बज़ार में पैसा फैकने का। हो सकता है यह और नीचे जाए मगर इस सतर पर रुक कर यह अब ऊपर जाना चाहिए। इस सतर पर आपको सोच समझ निवेष करने की नीति बनानी चाहिए।

जोखिम का खेल है भाई जरा धयान से।
फोटो आईचार्टस्॰इन से

चिट्ठाजगत संकलक का चिट्ठा दरबार-ए-आम-ए-धड़ाधड़-महाराज



लेखकगण व पाठकगण,


चिट्ठाजगत संकलक - http://chitthajagat.in/ का संचालन करते हुए हमने पाया कि बहुत से बहुमूल्य सुझाव और त्रुटि जानकारी हम खो दे रहे हैं क्योंकि कोई एकत्रीकरण का माध्यम नहीं है। इसी प्रकार नई सुविधाएँ लगभग रोज जुड़ती हैं, लेकिन सुविधाएँ प्रदान करने में इतना तल्लीन रहते हैं कि उनकी सूचनी ही आप तक नहीं पहुँच पाती। अतः हमने धड़ाधड़ महाराज के दरबार ए आम का गठन किया है। पता है http://chittha.chitthajagat.in/ - यानी एक सादा चिट्ठा ही, लेकिन यहाँ पर आप dakiya डॉट peti ऍट chitthajagat डॉट in को डाक लिख के - किसी भी पते से - यहाँ सीधे अपनी शिकायत या सुविधा का अनुरोध या कुछ भी बकैती -डाल सकते हैं। डाकिये के जरिए प्रविष्टि सीधे चिट्ठे पर प्रकाशित हो जाएगी। बाद में हम प्रविष्टि का वर्गीकरण और चिप्पीबाज़ी कर देंगे - जैसे किशिकायत, सुविधानुरोध, सूचना, अप्रासंगिक(बकैती के लिए) और उपवर्गीकरण -(कुछ नहीं), चर्चारत, रद्द, सुलझ गया आदि। बकैती को हम ठंडे बस्ते मेंडाल देंगे, और उन पर टिप्पणियाँ बंद रहेंगी, बाकी प्रविष्टियों पर टिप्पणियों के जरिए चर्चा की जा सकती है।
यह तो सही है कि वास्तव में इस काम के लिए बग्ज़िला -http://bugzilla.com/ या कोई मंच - जैसे http://phpbb.com/ - बेहतर रहता लेकिन हमें लगा कि प्रयोक्ता लोगों को चिट्ठा प्रारूप की आदत है तो क्योंन यही आजमा के देखें। हमारा स्वार्थ भी था ही - मेहनत कम लगी। फिर भी सबकी राय और प्रयोग के अनुसार माध्यम बदला जा सकता है। फ़िलहाल, कुछ भी नरहने से यह दरबार-ए-आम रहना अच्छा है।
उम्मीद है कि इस दरबार-ए-आम के जरिए सभी संकलकों को प्रयोक्ताओं की समस्याओं और आशाओं के बारे में मूल्यवान जानकारी मिलेगी, और इससे सभीलाभान्वित होंगे। यह भी उम्मीद है कि आरएसएस, एटम, एक्सएमएल आदि पर अच्छी चर्चा संकलक निर्माता भी कर पाएँगे, यदि नहीं तो शायद यह ऐसे किसी मंच या डाक सूची को जन्म देगा जहाँ यह चर्चा और सहजता से हो पाए। हम मानते हैं कि एक दूसरेकी दाढ़ी में तिनके निकालना अच्छी बात है।
दरबार-ए-आम के बारे में बाकी जानकारी आपकोhttp://chittha.chitthajagat.in/ पर मिल जाएगी। यदि कुछ चीज़ बहुत तकनीकीलग रही हो तो हमें बताएँ, उसे और सहज बनाते हैं।
हिन्दी का इस्तेमाल करने वाले प्रयोक्ता - आम तौर पर हिन्दुस्तानी प्रयोक्ता भी - ज़्यादा लड़ते झगड़ते नहीं है, जो मिलता है उसमें संतोषकर लेते हैं। नतीजा - घटिया माल ही मिलता है। उम्मीद है कि परिचित चिट्ठा प्रारूप में शिकायतें लगाना सबको रास आएगा, और हमें ढेरों पत्र मिलेंगे।
हमारी कोशिश रहेगी कि सब प्रविष्टियों का विनम्रता पूर्वक जवाब दें -ज़ाहिर है आपको कोई समस्या आई, या जनहित की कोई बात लगी तभी आप लिख रहे हैं। लेकिन कभी कभार हमें आपकी बात समझने में दिक्कत हो सकती है। तो हमआपसे खुलासे के लिए सवाल भी पूछेंगे - वह भी विनम्रता पूर्वक ही। तो लगातार टिप्पणियों की ओर ताँक झाँक करते रहिएगा।
चलते चलते एक बात - हमने अपनी कड़ियों के खेत में उन सभी स्थलों का जिक्रकरने की कोशिश की है जो हिंदी के संकलकों व निर्देशिकाओं के तौर पर जाने जाते हैं। यदि कोई छूट गया हो तो कृपया बता दें, हम तुरंत शामिल कर लेंगे।

Thursday 9 August, 2007

मेरे चिट्ठे की तस्वीर ही मेरी तस्वीर है

कुछ जानी मानी हिन्दी चिट्ठाजगत की हस्तीयों की तस्वीरें

मेरा पन्ना
http://www.jitu.info/merapanna

उडन तश्तरी

http://udantashtari.blogspot.com/ title=

रचनाकार
http://rachanakar.blogspot.com/


सारथी
http://sarathi.info

ई-पंडित
http://epandit.blogspot.com/

पंगेबाज
http://pangebaj.blogspot.com/

यूनुस खान का हिंदी ब्‍लॉग : रेडियो वाणी
http://radiovani.blogspot.com/

और मैं

http://tasveerkiavaaz.blogspot.com/

Saturday 4 August, 2007

भ्रूण हत्या - कहाँ जाएगा मानव

तस्वीर कुछ कहती है, गिद्दों और भेडियों से बचाओ इन्हें

Wednesday 1 August, 2007

पेश है चिट्ठाजगत॰इन सांख्यिकी - कितने आदमी थे

यह आवाजाही के आंकड़े नहीं, प्रविष्टि संग्रह की संख्या है।

यह आंकड़े चिट्ठाजगत॰इन पर संग्रहित लेखों के आधार पर तैयार करे गये हैं। हमने १३ मई २००७ से सङकलन शुरू किया था, यह आंकड़े मई २००७ माह से प्रसतुत हैं



मई जून जुलाई संग्रहित प्रविष्टियाँ संख्या






यह उछाल नए चिट्ठे शामिल होने से हो सकता है, जो अब तक किसी भी एग्रीगेटर पर प्रकाशित नहीं हो रहे थे।


मई जून जुलाई संग्रहित प्रविष्टियाँ दैनिक आंकड़े