तस्वीरें कुछ कहती हैं, सुनने वाला चाहिए
हाँ, छुट्टी वाले दिन लंबी कतार हो जाती है तकरीबन नौ बजे के आसपास। एक बार रविवार को गया था मित्र के साथ, काफ़ी लंबी कतार थी, अंदर भी बहुत लोग थे और फोटो फ्रेम बिगाड़ रहे थे, तब निश्चय किया था कि सप्ताह में किसी दिन आया जाएगा ताकि भीड़ कम मिले!
कतार तो चिट्ठाजगत के लिए भी लगी हुई है। आप कहां हैं बंधु।बुरा मत मानें, गर ब्लॉगवाणी बंद हो गया है और चिट्ठाजगत खफा है
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2 comments:
हाँ, छुट्टी वाले दिन लंबी कतार हो जाती है तकरीबन नौ बजे के आसपास। एक बार रविवार को गया था मित्र के साथ, काफ़ी लंबी कतार थी, अंदर भी बहुत लोग थे और फोटो फ्रेम बिगाड़ रहे थे, तब निश्चय किया था कि सप्ताह में किसी दिन आया जाएगा ताकि भीड़ कम मिले!
कतार तो चिट्ठाजगत के लिए भी लगी हुई है। आप कहां हैं बंधु।
बुरा मत मानें, गर ब्लॉगवाणी बंद हो गया है और चिट्ठाजगत खफा है
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