Wednesday 6 February, 2008

अश्ररधाम मंदिर दिल्ली





5 comments:

राज भाटिय़ा said...

मेरे लिये यह मन्दिर नही, एक नया ढोगं हे भगवान के नाम से दुकानदारी का, एक भगवान के लिये इतना बडा ओर सुन्दर घर, ओर उस के बच्चो के पास रहने की तो बात ही कया, खाने को भी नही.
जी लेकिन आप के फ़ोटो बहुत ही खुबसुरत हे,धन्यवाद

Anonymous said...

मंदिर वास्तव में बहुत खूबसूरत बना हुआ है।

विपुल जैन said...

राज जी,

जी, बिलकुल मंदिर को एक धार्मिक स्थान के रूप में न देख, स्मारक के रूप में भी देखा जी सकता है।

जगदीश जी,

वास्तव में मनमोहक है

डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल said...

(शायद) निदा फाज़ली का एक शे'र है :
बच्चा बोला देख कर मसजिद आलीशान
अल्लाह तेरे एक को इतना बडा मकान.

Asha Joglekar said...

बहुत खूबसूरत तस्वारें है । सुंदर तो सुंदर है और रहेगा ।