चिट्ठाजगत.इन का साथ सोच समझ के दें
दोस्तों,
चिट्ठाजगत.इन का साथ सोच समझ के दें, यह अनुभव है हमारे शुभ चिन्तकों का। छोटे दिल वाले और इस बात से विचलित होने वाले कि दुसरा एग्रीगेटर उन्हें दिखाना बंद कर देगा, चिट्ठाजगत.इन का साथ देने से पहले सोच लें। ऐसा तो होगा ही, सब चिट्ठाजगत.इन की तरह अपनी बुराई सुन कर उसे सुधारने की इच्छा नहीं रखते हैं।
आलोक जी ने कुछ पोल खोली बेनामी चिट्ठों की, वो बेनामी चिट्ठे जिस के थे उस ने अपने एग्रीगेटर से उन्हें हटा दिया, आलोक जी को इस से कोई फरक नहीं, मगर आप सावधान रहें।
http://devanaagarii.net/hi/alok/blog/2007/10/blog-post.html
आईना, हिन्दी टूलबार वाले जगदीश जी, सारथी वाले शास्त्री जी, पहले ही चुप चाप भुगत चुके हैं।
चिट्ठाजगत.इन की बुराई धड़ाधड़ करें, हमें अच्छा लगेगा।
















